बी ए - एम ए >> एम ए सेमेस्टर-1 समाजशास्त्र द्वितीय प्रश्नपत्र - भारतीय समाज के परिप्रेक्ष्य एम ए सेमेस्टर-1 समाजशास्त्र द्वितीय प्रश्नपत्र - भारतीय समाज के परिप्रेक्ष्यसरल प्रश्नोत्तर समूह
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एम ए सेमेस्टर-1 समाजशास्त्र द्वितीय प्रश्नपत्र - भारतीय समाज के परिप्रेक्ष्य
प्रश्न- ए. आर. देसाई का मार्क्सवादी परिप्रेक्ष्य स्पष्ट कीजिए।
सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न - मार्क्सवादी परिप्रेक्ष्य क्या है?
उत्तर -
मार्क्सवादी परिप्रेक्ष्य
मार्क्सवादी परिप्रेक्ष्य किसी भी घटना, आन्दोलन अथवा सामाजिक स्थिति की वर्ग संघर्ष से उपजी द्वन्द्वात्मकता का विश्लेषण करने एवं उसे ऐतिहासिक भौतिकवाद के चश्मे से देखने का प्रयास करता है। यह परिप्रेक्ष्य सुनिश्चित करता है कि सामाजिक आन्दोलन वर्ग संघर्ष का स्वाभाविक परिणाम है। साथ ही यह भी स्पष्ट करता है कि शोषण का मुख्य आधार निम्न दो वर्गों की उपस्थिति है -
(1) शोषक वर्ग - जो यद्यपि अल्प संख्यक वर्ग है किन्तु समाज के संसाधनों पर इसी वर्ग ने अपना कब्जा जमा रखा है तथा ये निरन्तर समाज का दोहन कर अपनी सामाजिक-आर्थिक सेहत सुधारते रहते है।
(2) शोषितों का वर्ग - समाज में दूसरा वर्ग शोषितों अर्थात् उनका वर्ग है जिनका शोषण होता है। इनकी संख्या यद्यपि समाज में बहुसंख्यक है किन्तु समाज के संसाधनों की दृष्टि से ये विपन्न स्थिति में हैं।
उपरोक्त दोनो वर्गों के उद्देश्य विपरीत हैं शोषाक जहाँ शोषितों के श्रम को अधिक से अधिक अपने लिए इस्तेमाल कर लाभ कमाना चाहते हैं वहीं शोषित अपने श्रम को अपने लिए कमाने का रास्ता ढूँढते रहते हैं। दूसरे शब्दों में शोषक वर्तमान सामाजिक-आर्थिक व्यवस्था को बनाये रखना चाहते है जबकि शोषित इसे बदलना चाहते हैं। शोषितो की संख्या कम होती है किन्तु वे कानून, संसाधन, चालबाजी, धूर्तता आदि के बल पर शोषितों को अपने वश में किए रहते हैं।
यह स्थिति तब तक बनी रहती है जब तक कि शोषितों में असंगठन एवं बिखराव रहता है किन्तु अपने शोषण के भार से दबे शोषित समान उद्दे यों के कारण एक-दूसरे के संपर्क में आते हैं तथा धीरे-धीर उनमें वर्ग चेतना का विकास होता है। वर्ग चेतना उन्हे संगठित करती है और वे अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं। इस प्रकार मार्क्सवादियों का मानना है कि शोषणकारी व्यवस्था के अन्त के बीज उसी में छिपे रहते हैं तथा मार्क्सवादी परिप्रेक्ष्य उन्हीं परिवर्तन के बीजों की खोज का प्रयास करता है।
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- प्रश्न- परम्परागत भारतीय समाज के विशिष्ट लक्षण एवं संरूपण क्या हैं?
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- प्रश्न- इण्डोलॉजी से आप क्या समझते हैं? विस्तार से वर्णन कीजिए।.
- प्रश्न- भारतीय विद्या अभिगम की सीमाएँ क्या हैं?
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- प्रश्न- विद्या अभिगमन से क्या अभिप्राय है?
- प्रश्न- सामाजिक प्रकार्य से आप क्या समझते हैं? सामाजिक प्रकार्य की प्रमुख 'विशेषतायें बतलाइये? प्रकार्यवाद की उपयोगिता का वर्णन कीजिये?
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- प्रश्न- आधुनिकीकरण के सम्बन्ध में एस सी दुबे के विचारों को व्यक्त कीजिए?
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- प्रश्न- एस. सी. दुबे के शामीर पेट गाँव का परिचय दीजिए?
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- प्रश्न- मार्क्स के 'वर्ग संघर्ष' के सिद्धान्त की व्याख्या कीजिये? संघर्ष के समाजशास्त्र को मार्क्स ने क्या योगदान दिया?
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- प्रश्न- मार्क्स और हीगल के द्वन्द्ववाद की तुलना कीजिए।
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- प्रश्न- सभ्यता से आप क्या समझते हैं? एन.के. बोस तथा सुरजीत सिन्हा का भारतीय समाज परिप्रेक्ष्य में सभ्यता का वर्णन करें।
- प्रश्न- सुरजीत सिन्हा का जीवन चित्रण एवं प्रमुख कृतियाँ बताइये।
- प्रश्न- एन. के. बोस का जीवन चित्रण एवं प्रमुख कृत्तियाँ बताइये।
- प्रश्न- सभ्यतावादी परिप्रेक्ष्य में एन०के० बोस के विचारों का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- सभ्यता की प्रमुख विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- डेविड हार्डीमैन का आधीनस्थ या दलितोद्धार परिप्रेक्ष्य स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय समाज को समझने में बी आर अम्बेडकर के "सबआल्टर्न" परिप्रेक्ष्य की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- दलितोत्थान हेतु डॉ. भीमराव अम्बेडकर द्वारा किये गये धार्मिक कार्यों का विवरण प्रस्तुत कीजिये।
- प्रश्न- दलितोत्थान हेतु डॉ. भीमराव अम्बेडकर द्वारा किए गए शैक्षिक कार्यों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कीजिये।
- प्रश्न- निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए : (1) दलितों की आर्थिक स्थिति (2) दलितों की राजनैतिक स्थिति (3) दलितों की संवैधानिक स्थिति।
- प्रश्न- डॉ. अम्बेडकर का जीवन परिचय दीजिये।
- प्रश्न- डॉ. अम्बेडर की दलितोद्धार के प्रति यथार्थवाद दृष्टिकोण को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- डेविड हार्डीमैन का आधीनस्थ या दलितोद्धार परिप्रेक्ष्य के वैचारिक स्वरूप एवं पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- हार्डीमैन द्वारा दलितोद्धार परिप्रेक्ष्य के माध्यम से अध्ययन किए गए देवी आन्दोलन का स्वरूप स्पष्ट करें।
- प्रश्न- हार्डीमैन द्वारा दलितोद्धार परिप्रेक्ष्य से अपने अध्ययन का विषय बनाये गए देवी 'आन्दोलन के परिणामों पर प्रकाश डालें।
- प्रश्न- डेविड हार्डीमैन के दलितोद्धार परिप्रेक्ष्य के योगदान पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
- प्रश्न- अम्बेडकर के सामाजिक चिन्तन के मुख्य विषय को समझाइये।
- प्रश्न- डॉ. अम्बेडकर के सामाजिक कार्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- डॉ. अम्बेडकर के विचारों एवं कार्यों का संक्षिप्त मूल्यांकन कीजिए।